THE BEST SIDE OF BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA

The best Side of baglamukhi shabar mantra

The best Side of baglamukhi shabar mantra

Blog Article



ऊँ ह्रीं क्लीं (व्यक्ति का नाम) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा।

अध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान प्राप्त होता है।

 इस मंत्र का प्रयोग आजमाने हेतु या निरपराधी व्यक्ति पर भूल कर न करें नहीं तो दुष्परिणाम भोगने ही पड़ जाता है।

ह्लीं बगलामुखी विद्महे दुष्टस्तंभनी धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥

दिवाली पर संपूर्ण पूजा विधि मंत्र सहित करें पूजन।

ॐ मलयाचल बगला भगवती महाक्रूरी महाकराली राजमुख बन्धनं ग्राममुख बन्धनं ग्रामपुरुष बन्धनं कालमुख बन्धनं चौरमुख बन्धनं व्याघ्रमुख बन्धनं सर्वदुष्ट ग्रह बन्धनं सर्वजन बन्धनं वशीकुरु हुं फट् स्वाहा।

ॐ ह्रीं क्लीं क्लीं चमुण्डायै विच्चे। ज्वालामालिनी आद्यायै नमः॥

सौभाग्य में वृद्धि: सौभाग्य और खुशहाली में वृद्धि होती है।

Baglamukhi Devi is considered among the list of 10 Mahavidyas in Hinduism. She is very worshipped to control enemies and defend speech. Chanting the Baglamukhi mantra lowers the strength of enemies and liberates just one from their affect.

Nevertheless, it is actually vital to admit that the proper execution of Baglamukhi Sadhana demands the assistance of a certified Expert or spiritual Trainer.

Just as a stone sculpture created by an artisan is consecrated and installed in the temple, and it can be imparted a radiant type of the goddess or deity making sure that it will become respectable, revered, illuminated for all, similarly human beings also are wonderful operate godlike artisan, which is analogous to the moving idol In this particular environment-like temple.

महादेव और पार्वती ने ही मनुष्यों के दुख निवारण हेतु शाबर मंत्रों की रचना की। शाबर ऋषि व नव नाथों ने भी कलियुग में मनुष्यों के दुखों को देखते हुए की व सहज संस्कृत ना पढ़ पाने के कारण website भी है, आँख की पीड़ा-अखयाई ,कांख की पीड़ा -कखयाइ, पीलिया, नेहरूआ, ढोहरूआ, आधासीसी ,नज़र भूत प्रेत बाधा से मुक्ती हेतु ही की थी जिससे उपचार में विशेष सहायता प्राप्त हुई और रोगी का ततछण आराम मिल जाता है। आज भी झाड़ा लगवाने कुछेक असाध्य रोगों के विशेष प्रभाव शाली है,

आन हरो मम संकट सारा, दुहाई कामरूप कामाख्या माई की।‘‘

Report this page